TODAY’S THOUGHT 

ज़िंदगी वही है जहाँ आप हार मानने की बजाय फिर से खड़े हो जाते हैं।

ब्रह्मांड के बारे में 10 अनसुने और अद्भुत तथ्य

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp
universe fact

जब हम आकाश की ओर देखते हैं, तो टिमटिमाते तारे, चमकता चाँद और कभी-कभी एक झलक किसी ग्रह की भी दिखाई देती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह सब कुछ जिसका हम हिस्सा हैं, वह ब्रह्मांड आखिर है क्या? और ब्रह्मांड के भीतर कितने रहस्य, कितनी अनदेखी बातें छिपी हुई हैं?

ब्रह्मांड एक ऐसा विशाल और रहस्यमयी विस्तार है, जिसे पूरी तरह समझ पाना आज भी विज्ञान के लिए एक चुनौती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे ब्रह्मांड के बारे में 10 बेहद रोचक तथ्य, जो आपकी सोच को नई दिशा देंगे।

1. ब्रह्मांड में हर क्षण कुछ नया जन्म लेता है

ब्रह्मांड कभी भी स्थिर नहीं रहता। यह हर पल गतिशील है हर क्षण कहीं कोई नया तारा बन रहा है, तो कहीं कोई पुराना तारा बुझ रहा है।

विशाल गैसीय बादलों से जब पदार्थ सघन होकर एकत्रित होता है, तो एक नए तारे का जन्म होता है। इस प्रक्रिया को “स्टार फॉर्मेशन” कहते हैं, और यह ब्रह्मांड में निरंतर जारी है।

 2. हम जितना ब्रह्मांड देख सकते हैं, वह उसकी पूरी तस्वीर नहीं है 

हमारी तकनीकी सीमाओं के कारण हम ब्रह्मांड का केवल एक सीमित हिस्सा ही देख पाते हैं, जिसे ‘प्रेक्षणीय ब्रह्मांड’ कहा जाता है।

लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि वास्तविक ब्रह्मांड इस सीमित क्षेत्र से कहीं अधिक विशाल और जटिल हो सकता है। अर्थात्, हमारी दृष्टि से परे भी अनगिनत रहस्य छिपे हो सकते हैं।

3. हर तारा जो आप देख सकते हैं, वह आपकी आकाशगंगा का है

जब आप रात को आसमान में चमकते तारे देखते हैं, तो आपको लगता होगा कि ये अलग-अलग ब्रह्मांडों से हैं।

लेकिन सच्चाई यह है कि हमारी आँखों से जो तारे दिखते हैं, वे सारे मिल्की वे नामक हमारी ही आकाशगंगा का हिस्सा हैं। बाकी आकाशगंगाओं को देखने के लिए शक्तिशाली टेलीस्कोप की ज़रूरत होती है।

solar system

 4. ब्रह्मांड का ज़्यादातर हिस्सा हमारी आँखों से ओझल है 

हमारे आस-पास जो वस्तुएं दिखाई देती हैं, वे ब्रह्मांड के केवल एक छोटे से हिस्से को दर्शाती हैं। एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जो सीधे तौर पर दिखाई नहीं देता, लेकिन उसके प्रभाव को हम अनुभव कर सकते हैं।

वैज्ञानिक इस छिपे हुए हिस्से को ‘डार्क मैटर’ और ‘डार्क एनर्जी’ कहते हैं, जो हमारे समझ से परे है लेकिन अस्तित्व में है।

5. ब्रह्मांड में समय की रफ्तार हर जगह एक जैसी नहीं होती

अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत (Theory of Relativity) के अनुसार, समय और स्थान आपस में जुड़े हुए हैं और ये दोनों गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होते हैं। जब आप किसी भारी वस्तु जैसे ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार के पास होते हैं, तो वहाँ का गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र अत्यधिक शक्तिशाली होता है। इस वजह से वहां समय की गति धीमी हो जाती है — इसे “ग्रैविटेशनल टाइम डाइलेशन” कहा जाता है।

इसका अर्थ यह है कि यदि कोई व्यक्ति किसी शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में कुछ समय बिताता है और फिर पृथ्वी पर लौटता है, तो उसे लगेगा कि यहाँ अधिक समय बीत चुका है, जबकि उसके लिए वह अवधि बहुत कम रही होगी।

इसी सिद्धांत को 2014 की प्रसिद्ध हॉलीवुड फिल्म Interstellar में भी दिखाया गया था, जहाँ एक ग्रह पर एक घंटे बिताने का अर्थ पृथ्वी पर सात साल के बराबर था। हालाँकि यह काल्पनिक था, लेकिन यह सैद्धांतिक रूप से सटीक है और वैज्ञानिकों ने इस प्रभाव को GPS सैटेलाइट्स और अन्य प्रयोगों के माध्यम से सिद्ध भी किया है। यह ब्रह्मांड की उन जटिलताओं में से एक है, जो हमारे समझ की सीमाओं को चुनौती देती है।

 6. पृथ्वी ब्रह्मांड का केंद्र नहीं है

पुराने समय में यह माना जाता था कि पृथ्वी ब्रह्मांड का केंद्र है, लेकिन अब विज्ञान यह साबित कर चुका है कि पृथ्वी एक सामान्य सा ग्रह है, जो एक औसत तारे सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहा है।

हमारा सौरमंडल भी ब्रह्मांड के अरबों सिस्टम्स में से केवल एक है।

solar-system-1

 7. ब्रह्मांड की शुरुआत किसी धमाके जैसी नहीं थी 

अक्सर ‘बिग बैंग’ शब्द से ऐसा लगता है जैसे कोई ज़ोरदार विस्फोट हुआ हो, परंतु वैज्ञानिकों का मानना है कि यह घटना विस्फोट नहीं थी, बल्कि एक तेजी से फैलने वाली प्रक्रिया थी। यह वही क्षण था जब स्थान और समय अस्तित्व में आए और ब्रह्मांड का विस्तार शुरू हुआ।

 8. आकाशगंगाओं का आपस में मिलना एक सामान्य प्रक्रिया है 

ब्रह्मांड की विशालता में आकाशगंगाएं कभी-कभी एक-दूसरे के निकट आकर जुड़ जाती हैं। यह प्रक्रिया लाखों सालों में घटित होती है और इससे नई गैलेक्सियाँ या संरचनाएँ बनती हैं।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हमारी ‘मिल्की वे’ भी भविष्य में ‘एंड्रोमेडा’ से मिल सकती है, लेकिन इसका असर पृथ्वी पर नगण्य होगा।

9. ब्रह्मांड हमें अतीत दिखाता है

जब हम रात के आकाश में किसी तारे की ओर देखते हैं, तो वास्तव में हम उस तारे की वर्तमान स्थिति नहीं बल्कि उसका अतीत देख रहे होते हैं। इसका कारण यह है कि प्रकाश की गति निश्चित होती है लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड और उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने में समय लगता है। यदि कोई तारा हमसे 1000 प्रकाश-वर्ष दूर है, तो उस तारे का प्रकाश हम तक पहुँचने में 1000 वर्ष का समय लेता है। इसका मतलब यह हुआ कि जो तारा आप आज देख रहे हैं, उसकी वह रोशनी वास्तव में 1000 वर्ष पहले की है।

यह तथ्य न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि ब्रह्मांड को समझने के हमारे दृष्टिकोण को भी बदल देता है। हम दूरबीनों के माध्यम से ब्रह्मांड के अतीत की परतों को एक-एक कर देख सकते हैं। वैज्ञानिक इसी तकनीक से ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्थाओं का अध्ययन करते हैं और यह जानने की कोशिश करते हैं कि वह कैसे विकसित हुआ। इसीलिए, जब हम तारों की ओर देखते हैं, तो हम एक तरह से समय यात्रा कर रहे होते हैं — अतीत की झलकियों को अपनी आँखों से देख रहे होते हैं।

 10. ब्रह्मांड में जीवन संभवतः अकेले नहीं है

इतना विशाल ब्रह्मांड और अरबों-खरबों ग्रह ऐसे में जीवन सिर्फ पृथ्वी पर ही हो, यह सोचना थोड़ा संकुचित लग सकता है। वैज्ञानिक अब तक हजारों एक्सोप्लैनेट्स खोज चुके हैं,

जिनमें से कुछ पर जीवन की संभावनाएं हो सकती हैं। हालांकि हमें अभी तक कहीं से कोई “एलियन” नहीं मिला, लेकिन खोज जारी है।

ब्रह्मांड एक अनंत यात्रा का आरंभ

ब्रह्मांड की ये बातें हमें यह एहसास दिलाती हैं कि हम कितने छोटे हैं और हमारी समझ कितनी सीमित है।

जितना हम जान पाते हैं, उतना ही और जानने की जिज्ञासा बढ़ जाती है।
यही विज्ञान की खूबसूरती है, हर उत्तर के साथ एक नया प्रश्न खड़ा हो जाता है।

ब्रह्मांड एक ऐसी पहेली है जो सुलझाने में शायद सदियाँ लग जाएं, लेकिन उसकी खोज की यात्रा हर पल रोमांचक है। तो अगली बार जब आप रात के अंधेरे में आकाश की ओर देखें,

तो बस सोचिए आप केवल तारे नहीं देख रहे, आप उस अनंत रहस्य को निहार रहे हैं, जिसका हम सभी हिस्सा हैं।

अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो JatinInfo को सब्सक्राइब करना न भूलें।
हम इसी तरह के और भी Informational Blogs लाते रहेंगे।
आपका साथ ही हमारी ताकत है!

यह जानकारी आपको उचित लगी तो शेयर करना ना भूले अपने दोस्तों ओर परिवार जनों के साथ जरूर साझा करे।

 

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Never miss any important news. Subscribe to our newsletter.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Loading RSS Feed