कल यानी 7 मई 2025 की रात इडेन गार्डन्स में आने वाले दर्शकों ने जो क्रिकेट देखा, वो भारतीय टी20 क्रिकेट का एक बेमिसाल उदाहरण बन गया। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की और कड़ी मेहनत के बाद 179 रन बनाए। इसके जवाब में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने आख़िरी ओवर तक का नाटक रचा और दो गेंदें बचा कर 183/8 से जीत हासिल की। आइए इस रोमांचक मैच की कहानी को साधारण अंदाज में पढ़ते हैं।
KKR की पारी:
KKR ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए शुरुआत में सधी बल्लेबाज़ी दिखाई। सलामी बल्लेबाज़ जल्दी लौटे, लेकिन कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 48 रन की अहम पारी खेली। रहाणे के विकेट गिरने के बाद आंद्रे रसेल ने तेजी से राउंड द विकेट शॉट्स खेलने शुरू किए और 38 रन जोड़ दिए। मनीष पांडे ने भी बिना हारे 36 रन बनाकर टीम को 179 तक पहुंचाया। कुल मिलाकर KKR ने 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 179 का स्कोर खड़ा किया, जो धीमी पिच पर थोड़ा चुनौतीपूर्ण जरूर था पर बिल्कुल नामुमकिन नहीं।
फील्डिंग के मामले में CSK ने बीच-बीच में कुछ सुंदर कैच लपके, पर बीच-बीच में उन्होंने रन लगाने से नहीं रोका। नतीजा ये हुआ कि KKR का मध्यक्रम हिटर्स ने अच्छी साझेदारी करके टीम को एक सम्मानजनक कुल तक पहुंचाया।
CSK की शुरुआत:
जब CSK ने 180 का पीछा शुरू किया, तो शुरुआत में पांचवें ओवर तक सिर्फ 60/5 पर फंस गई। यानि कि पांच बल्लेबाज़ आउट हो गए और स्कोर बहुत धीमा था। ऐसे में लगा कि शायद ये मैच KKR अपने नाम कर लेगी। लेकिन तभी युवा विस्फोटक बल्लेबाज़ डेवाल्ड ब्रेविस ने पूरी कहानी पलट दी।
ब्रेविस ने 22 बॉल में अपना अर्धशतक पूरा किया, जिसमें एक ही ओवर में वैभव अरोड़ा की गेंदों पर उन्होंने 30 रन उड़ा डाले। उनके इस आक्रमक अंदाज़ ने KKR के गेंदबाज़ों की नींद उड़ा दी और मैच की दिशा एकदम बदल गई।
मध्यक्रम का साथ:
ब्रेविस की धाकड़ पारी के बाद शिवम दुबे ने भी अपना काम बखूबी किया। दुबे ने महत्वपूर्ण 45 रन बनाए, जो CSK को फिर से लक्ष्य के करीब लेकर आए। इसके अलावा नए खिलाड़ी उर्वील पटेल ने अपनी आईपीएल डेब्यू पारी में सिर्फ 11 गेंदों में 31 रन बोर्ड पर लगाये। पटेल के यह रन CSK के लिए किसी वरदान से कम नहीं था, क्योंकि उन्होंने शुरुआत में ही स्कोरबोर्ड पर ज़ोरदार तरीके से दस्तक दी।
धोनी का क़िस्सागोई अंदाज़:
जैसे ही मैच नाटकीय मोड़ पर पहुंचा, आख़िरी ओवर की ज़िम्मेदारी आई MS धोनी के कंधों पर। धोनी ने जिस तरह से आख़िरी छक्के से मैच तय किया, वो उनके अनुभव और धैर्य का जीता-जागता प्रमाण था। कोलकाता की पिच पर आख़िरी ओवर में जब केवल 8–10 रन चाहिए थे, तब धोनी ने बाज़ी मार ली।
मुकाबले का असर:
इस हार के साथ KKR के प्लेऑफ़ की उम्मीदें काफी धुंधली हो गईं। 11 मैचों में 12–13 अंकों के करीब रहकर भी उन्हें हर बचा मैच जीतना पड़ेगा, जो इस सीज़न के तनावपूर्ण सटे हुए खेल को देखते हुए आसान नहीं। दूसरी ओर CSK भले ही टॉप–4 की रेस से बाहर हो चुकी हो, लेकिन युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने भविष्य के लिए उम्मीदें जगाईं।
CSK का आत्मविश्वास और नई ऊर्जा:
हार जीत तो खेल का हिस्सा हैं, पर CSK की इस जीत ने टीम में नई ताज़गी भरी है। खासकर ब्रेविस, दुबे और पटेल जैसी युवा बैट्समैन ने दिखा दिया कि चेन्नई अब सिर्फ धोनी-रैना जैसे सीनियर प्लेयर्स पर निर्भर नहीं रहना चाहेगी। कप्तान धोनी ने भी अपने अनुभव से माहौल संभाला और युवा खिलाड़ियों को आगे आने का मौक़ा दिया।
KKR ने क्या सीखा?
KKR ने अपने शुरुआत के कुछ ओवरों में धीमी बल्लेबाज़ी की, जिसकी क़ीमत उनकी प्लेऑफ़ की रेस में भुगतनी पड़ सकती है। मध्यक्रम ने शानदार प्रयास किया, पर गेंदबाज़ी में कुछ नटखट छूटे शॉट्स ने मात दी। अब KKR को बची हुई दो–तीन ज़रूरी जीत दर्ज करनी होंगी और गेंदबाज़ों को ख़ास तौर पर शुरुआत में क़ाबू रखना होगा।
पिच और रणनीति:
इडेन गार्डन्स की पिच इस मैच में धीमी रही, जिससे बल्लेबाज़ों को शुरुआत में परेशानी हुई। तेज़ रन बनाने के लिए सही समय चुनना महत्वपूर्ण था, जो मध्यक्रम के बल्लेबाज़ों ने अच्छी तरह से समझा। CSK ने टॉस हारने के बावजूद गेंदबाज़ी में पहले हफ़्ते में आक्रमक रखी, जिससे KKR के सलामी बल्लेबाज़ दबाव में आए।
खिलाड़ियों की नज़र में भविष्य
डेवाल्ड ब्रेविस: इस मैच के हीरो, उन्होंने दिखा दिया कि अगर कोई युवा तेज़ी से रन बना सकता है तो वो वही है।
शिवम दुबे: CSK में अपनी जगह पक्की करने के लिए इस तरह की जिम्मेदार पारी ज़रूरी थी।
उर्वील पटेल: नया खिलाड़ी, जिसने साबित कर दिया कि मौका मिलने पर वो भी जलवा दिखा सकता है।
अजिंक्य रहाणे: KKR के लिए सलीके से खेलते हुए टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया, हालांकि बाकी बल्लेबाज़ों को उसे यशोदान करने में मदद करनी चाहिए थी।
मैन ऑफ़ द मैच: नूर अहमद
नूर अहमद ने इस मुकाबले में चार विकेट लेकर पूरे खेल का रुख ही बदल दिया। उन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 31 रन दिए और KKR के मध्यक्रम को जड़ से हिला कर रख दिया। खासकर अजिंक्य रहाणे और आंद्रे रसेल जैसे धाकड़ बल्लेबाजों को आउट करके उन्होंने टीम को संकट से उबारा। उनकी स्पिन गेंदबाज़ी की सटिक लाइन और बदलावभरे उनका गेंदबाज़ी ने CSK को हमेशा दबाव में रखा, जिससे दूसरा पक्ष कभी भी बड़े स्कोर का सपना देख नहीं पाया। उनकी कामयाबी ने CSK को अंतिम ओवर तक मुकाबला बनाए रखने का आत्मविश्वास दिया और दो गेंद पहले जीत पक्की कराई। इस ज़बरदस्त प्रदर्शन के लिए नूर अहमद को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया।
7 मई की वो शाम हर क्रिकेट प्रेमी के जेहन में बस गई। इडेन गार्डन्स में जब ब्रेविस की एक के बाद एक बाउंड्री लगीं, तो यकीन हुआ कि टी20 में कुछ भी हो सकता है। धोनी के छक्के ने तो जैसे नाटक को चरम सीमा पर पहुंचा दिया। चाहे आप CSK फैन हों या KKR के समर्थक, इस मैच ने हमें वही रोमांच दिया जो क्रिकेट को इतना ख़ास बनाता है।
अगले हफ़्ते दोनों टीमें अपनी–अपनी राह पर उतरेंगी—CSK युवा जोश के साथ और KKR प्लेऑफ़ की आख़िरी उम्मीदों को बचाए रखने के लिए। दोनों के सफर में अब भी कई चुनौतियाँ हैं।
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